सपना
सपना


नींदी सपना
उनींदी आँखों में भी
होता सपना।
मन विचार
नींद में कई बार
घूमे दिमाग।
नहीं है बस
नींद में भी इंसान
रहता जागे।
मन न जाने
खोता जाए इनमें
असल जाने।
अधूरे रहें
अनेकों बार सभी
लगे सुहाने।
भ्रमित करें
मज़बूर मन को
नींद न आए।
सपना गर
रहता डरावना
जी घबराये।
बुरे विचार
सारा दिन दिल में
शौर मचाए।
मन हो साफ
विचार हों पवित्र
हो सुखी नींद।
सपने रहे
मनभावने सदा
दिन सफल।