सफ़र
सफ़र
सफ़र हो हमसफ़र संग ही सुहाना है
चाहे विमान की या जीवन की उड़ान हो ,
चाहे हाथों की गरमाहट में सुबकना
चाहे दिल की घबराहट हो पढ़ना
चाय की प्याली से रात की थाली तक
सुबह की गरम धूप से रात चाँदनी तक
हर एक पल सुहाना होता है
गर मेरा साथी संग होता है,
टिकट की बुकिंग से बैग की पैकिंग तक
पूछा -पूछी करना जरूरत की हर बात बतलाना
गैस के स्विच ऑफ से बाहर के लॉक तक
सरसरी नज़रों से बाहर -भीतर आना
और सबसे मज़ेदार यात्रा शुरू होते ही
पहला प्रश्न ताला खींचकर देखा था?
ए सी लाइट बंद किया था?
मेरा हाँ में सिर हिलाना
फ़िर भी शंका का होना वाजिब है l