सफर इश्क़ का
सफर इश्क़ का
सफर है बहुत प्रकार के कोई लंबा कोई छोटा कोई आसान और कोई मुश्किल
और कोई होता ज़िंदगी का सफर तो कोई होता प्यार इश्क और मोहब्बत का सफर और होता
जहां प्यार मोहब्बत वहां आता नफरत भी है जिसका होता नफरत का सफर
वो सफर हीं क्या जो हो बड़ा आसान और ना हो कोई मुश्किलें
ना हो कोई जोखिम भरी साजिश ना हो कोई आशंका ना हो कोई खतरा
जिसका मंजिल हो आखों के सामने और करे उसको सब पाने की कोशिश
जो देती है बढ़ा प्रतियोगिता के साथ प्रतियोगी और बना दे उस सफर को बहुत मुश्किल
ठीक वैसा होता सफर जिंदगी का और प्यार इश्क मोहब्बत का
जो अगर हो दिखने में बहुत आसान और मिलने में बहुत बड़ा और काम समय में वहां होता
उसे पाने की प्रतियोगिता जो होता बड़ा कठिन जिसको पाने के लिए
और जिसके लड़ने के लिए चाहिए बड़ा हौसला
है वो सफर इश्क का जहां लेकर शुरू से खतम होने तक
गुलाब की पौधे की तरह कांटे हर पल और जब मिल जाए
मंजिल पहुंच जाए अपने मुकाम अपने मेहबूब के पास
तो मिल जाए पूरी गुलाब साथ हीं उसके खुशबू।
इश्क जो होता, वही होता है प्यार नही होता कोई फर्क मोहब्बत,
इश्क और प्यार लेता इंसान नाम बस उसका दूसरा जताने के लिए अपने
एहसास अपने भावनाएं अपने खुशियां और उत्साह और उत्तेजना
इश्क है एक एहसास ऐसा जो जताता है दूसरों को बड़ा हीं
खास देता उनको ज्यादा एहमियत बाकी सबसे देता उनको ज्यादा
महत्व करता उसकी हर वक्त परवाह देता उस पर हर वक्त ध्यान
इश्क है नही आसान और उसका सफर होता जितना हीं मुश्किल है देता
ज़िंदगी में आपको उतनी हीं खुशियां है लंबे समय तक इश्क का सफर होता लंबा
मगर आसान होता वहां है जहां दो आशिक का एक दूसरे पर हो पूरा भरोसा
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span style="color: rgb(0, 0, 0);">वो एहसास इश्क का है बड़ा गहरा जो जताता है दूसरों को अपना
और देता दिल में उनको जगह अपना अपना जो है दूसरी से अलग
जो सकेगा नही उससे भर अगर चला जाए वो छोड़ के किसीको।
इश्कबाज़ होते वो हैं जो बिना खौफ बिना डरे करते
अपने इश्क का इजहार होते वो सबसे बड़े दिलवाले
होते दिल के उनके अपने अपने अरमान और ख्वाहिशें
जो डरते नहीं किसके करते अपने ईशा फरमान बेधड़क चलते
अपने इश्क के सफर पर जानते हुवे ये की है कांटों से भरा
निकल जाएगा पैरों से खून हो जाएंगे वो इश्क में
निकम्मा प्यार में पागल मोहब्बत में अंधा दिखेगा नही उन्हे कुछ
और अगर मिले ना उनकी उनका प्यार हो वो जाएंगे ज़िंदगी में
उनके अकेले रहेगा नही कोई उनके साथ देने उनका साथ करने
उनके मदद बांटने उनके दुख फिर भी चलते वो इश्क के सफर पर बेधड़क बिना रुके ।
होते वो इश्कबाज दीवाने या तो पागल जिनको न खोने का खतरा
न कुछ गलत करने का रेहेता है डर बस हस्ते वो रहते
दिन रात चौबीस घंटे खा कर दिल पे चोट
खाएं वो रहते हैं कसम की हर हाल में पाएंगे वो अपना प्यार होता
सिर्फ उनके पास जिगर और भरोसा और उम्मीद है बाकी सब
तो वो खो देते करने अपने इश्क अपने प्यार को हासिल
पूछते वो घर वालों से अपने देंगे क्या वो उनका साथ करने अपने को
हासिल या फिर हैं वो अकेले हीं काफी थामने के लिए अपने
मेहबूब का हाथ चल पड़ेंगे इस इश्क़ के सफर पर
जहां है भरा कांटों से रास्ता पूरा जहां है इश्क का मिलने का कोई ठिकाना बस है
आखिर दुख और दर्द हीं पाना ये सफर है इश्क का जहां चलता सिर्फ दिल वालों
और जिगर वालों की है नहीं तो बाज़ीगर हीं क्या अगर इश्क ना कर पाए हासिल।