हमें इंतजार है
हमें इंतजार है
वो खुशियां ,
जो तुमने बिदाई के वक्त
घर की दहलीज के इस पार छोड़ गई थी
अपनों के चेहरे में मुस्कराहट लाने के लिए
तुमने जिंदगी भर के लिए
चुप हो जाने कि कसम ले रखी थी
नारी का सम्मान जिंदा रखने की कोशिश में
तुम अबतक न जाने कितने लांछन सहन कर चुके हो।
हम सब जिंदा तो हैं ,
लेकिन अस्वीकार के डर से चुप हैं कि
कहीं हमारी महान बनने की
हसरत मिट्टी में न मिल जाए ।
चाहे हमे अपनी खोखली पहचान बचाने के लिए
लाख कोशिश क्यों न करना पड़े ।
मैं कौन हूं ,
क्या है मेरी हैसियत
पति और बच्चों के बगैर ?
कुछ पल के लिए भूल जाओ सब
खुद को तबज्जु दे के देखो जरा
कैसे जिंदा रहोगे तुम अपने अस्तित्व खोके
और कितनों को अपने
प्यार वफा के प्रमाण देती फिरोगी
बंद करो खुद से ये लड़ाई
निकल जाओ भीड़ से
खुद को भी खुश रहने का कुछ मौका दो
हो सकता है कइयों का जीवन पटरी पर फिर से दौड़ पड़ें ।।
