मां मेरी
मां मेरी
मां मेरी जब जब मैं रूठ जाती
तुम ही मां हमेशा मनाती
गर तुम न होती कैसे मैं जी पाती
मां तेरे आंचल के भरोसे
सारी मुश्किलों से निजात पाती
तुम हो मां मेरे लिए घने अंधेरों में
उजाले की तारों भरी आसमां बन जाती
मां तुम आज भी मेरे बचपन कि यादें सुनाकर
अपनी गोद में ही मेरे सर पर हाथ फिराती
मां तुम्हारे आंगन में हम कली बनकर खेले
मां हमारे जीवन में तुम भर दिये उजाले ।