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Asha Porwal Gupta

Abstract

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Asha Porwal Gupta

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लम्हें

लम्हें

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वो लम्हे जिंदगी के

जो बीते थे तेरी पनाहों में ,

आज भी लिपटे हैं दिल से मेरे

यूं ही मुलायम सी यादों में।

वो लम्हे जो बीत कर भी बीते नहीं है

हर रोज उन्हें जी लेता हूँ

दर्द की दवा है जो हर रोज पी लेता हूँ।

Asha Porwal Gupta ©®



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