आत्म मंथन
आत्म मंथन
अंतरात्मा को समय समय पर खंगालते रहिये
ईष्या के जालों को मन से झाड़ते रहिये
कृतज्ञ रहें सदा मददगारों के प्रति
अच्छाई की ज्योत से अंतरात्मा को रोशन बनाए रखिये।
अंतरात्मा को समय समय पर खंगालते रहिये
ईष्या के जालों को मन से झाड़ते रहिये
कृतज्ञ रहें सदा मददगारों के प्रति
अच्छाई की ज्योत से अंतरात्मा को रोशन बनाए रखिये।