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meri khamoshiyan

Abstract

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meri khamoshiyan

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झगड़ा

झगड़ा

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झगड़ा हर किसी की कहानी का हिस्सा होता है,

खुदा ने मेरी कहानी मे भी इसका खूब यूज़ किया

,

किसी का अगर हर झगडे के साथ ताल्लुक था तो वो था कोम्प्रोमाईज़ 


कभी मैं बात नही करता तो वो कोम्प्रोमाईज़ कर लेती

और कभी वो बात नही करती तो मुझे कोम्प्रोमाईज़ करना पड़ता ।


हाँ मगर उस रिश्ते की एक खास बात है वो कभी टूटता नही था।


खुशी इस बात की है कि वो रिश्ता आज भी नही टूटा,

मगर अब ना झगडे होते है और ना ही कोई कोम्प्रोमाईज़ करता है।


अब बात "चल ठीक है अपना ध्यान रखना" पर खत्म नही होती।

अब तो "मैं बिजी हूँ बाद मे बात करता हूँ" पर खत्म होती है।


मुझे पता है वो बाद कभी नही आने वाला फिर भी ये फोन हमेशा अपने पास रखता है

क्या पता कब उसे मेरी याद आ जाये और बात करने का मन हो जाये।


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