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Deepti Tiwari

Drama Others

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Deepti Tiwari

Drama Others

सफर आखिरी था

सफर आखिरी था

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वो मेरा सफर तेरे संग आखिरी था

जब झटक कर मेरे हाथों को बढ़ गया था आगे,

जब तेरे लफ्जों में अपमान था मेरे लिए,

वो मेरा सफर तेरे संग आखिरी था

मैं पड़ गयी थी अकेली तेरी बनायी हुई महफिल में,

जब मुझे जरूरत थी तेरी , तू मेरे संग कहा था

तोड़ दिया मेरे संमान की उस डोर को भी तूने 

जब  रात  बीत गई तन्हाई में, सात वचन भी तूने ऐसे निभाएं तोड़ दिया दिल को मेरे ,

सोचा भी नहीं  एक बार भी तुने , मै तेरी अपनी थी पराई नहीं,

बीत गयी रात सिसकियों में, बैठी रही पूरी रात सीढ़ियों पे,

तेरी अब मुझे हसरत नहीं ,

जो बची भी थी, मैं उसे उसी सीढ़ियों पर

छोड़ कर आगे बड़ चुकी थी

दम घुटता था जब तक मैं तेरे साथ थी,

खिलौना नहीं ,जीता जागता इंसान थी

वो मेरा सफर तेरे संग आखिरी था


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