सोशल मीडिया
सोशल मीडिया
बदलते जमाने के साथ बातें करने का
तरीका भी बदल गया है,
अब नहीं लगती हैं गांवों में चौपालें,
सोशल मीडिया आ गया है।
पहले होती थीं गांवों में बातों की
रौनक अपने बुजुर्गों के संग,
अब तो नए युवाओं को फेसबुक,
वॉट्सएप और इंस्टा भा गया है।
अब लोग नहीं पूछते हैं हालचाल भी
अपने मां बाप और अपनों से,
उनको तो उन अलबेली साइटों पर
कोई सख्स ज्यादा छा गया है।
अपनों से ही दूर कर दिया है
अपनों को इस नए जमाने ने अरविन्द,
अब अपनों से क्या वास्ता किⁿसी का,
गैरों में अपना सा आ गया है।
ये बदलती दुनियां बहुत कष्ट दे रही है
मेरे देश के बुजुर्गों को,
वो हो गए तन्हा अपनों के बीच,
अपनों को नया रास आ गया है।