उजाड़ दोगे बस्तियां
उजाड़ दोगे बस्तियां
धमा चौकड़ी खूब हो गई
और खूब कर ली मस्तियां,
अब अगर तुम घर ना रुके
तो तुम उजाड़ दोगे बस्तियां।
कोरोनो की बाढ़ आई अब
तुम खड़ी कर दो कश्तियां,
समझाने से भी ना समझे
तो तुम उजाड़ दोगे बस्तियां।
विश्व पटल के अगुवाओं की
धीरे धीरे मिट रही हैं हस्तियां,
नहीं माना गर कहना देश का
तो तुम उजाड़ दोगे बस्तियां।
अंध विश्वासों से दूर रहो तुम
छोड़ो करनी अब गुस्ताखियां,
गर सजग नहीं हुए अब भी
तो तुम उजाड़ दोगे बस्तियां।