सोलमेट
सोलमेट
वह मेरे आंखों का तारा है
मेरे लिए तो चंदा सितारा है
उनसे रहूं तो मैं कैसे दुर रहूं
व लगता मुझे बहुत प्यारा है।
भोली है भाली है प्यारी है
जो भी है बहुत न्यारी है
उसे छोड दु तो कैसे छोड़ दूँ
उसका और कौन सहारा है।
वह तो एक रब का मारा है
दूजा किस्मत का गवारा है
लगता नहीं कहीं किनारा है
हाय वह बेसहारा है हाय।
देखु उसे तो प्रभात सवेरा है
ना देखूं तो लगता अंधेरा है
लौट आ सजन सुर्य किरण
बचा न एक भी पत्ता हारा है।
तुम ही चंदा तुम ही सितारा है
लगता देश दुनिया से प्यारा है
मानो नदिया का दो किनारा है
वह और मैं से दुनिया प्यारा है।।
वह मेरे आंखों का तारा है
मेरे लिए तो चंदा सितारा है
उनसे रहूं मैं तो कैसे दूर रहूं
व लगता मुझे बहुत प्यारा है।