सोलमेट
सोलमेट
तेरे आने से पहले कुछ नहीं था
तेरे जाने के बाद क्या होगा
दिल में प्यार भर दिया तुमने
आम को भी खास कर दिया तुमने
तुम्हे देखते ही दिल ने आवाज़ दी
शायद मिल गयी है चाभी अनसुलझे राज की
तुमसे मिल कर लगा कुछ पहले का रिश्ता नाता है
वर्ना कुआ कहां चल के प्यासे के पास जाता है
शायद वो खुदा की बनायी राह थी
जो हम दोनों के दिलों में मिलने की चाह थी
देखते ही तुमको दिल में फितूर हो गया
जिसे कब से टालते थे वो काम अब ज़रूर हो गया
तेरे बिन जो ज़िन्दगी अधूरी थी
तेरे मिलने से हो गयी पूरी थी
अब तो हर जन्म में तुम्हारे साथ हो
तुम ही हो मेरे दिल की परी
जीवन संगिनी ,मेरी सोलमेट
मेरे नाम के साथ तुम्हारी ही बात हो
मेरे नाम के साथ तुम्हारी ही बात हो।