सोच के देखो
सोच के देखो
कभी कभी सोचा है,
के जानवर और कुछ इंसानो में
क्या समान्तर है,
कभी सोच के देखो
बड़ा मजा आएगा,
कुछ लोगों के प्यारे चेहरे भी
उनमें नजर आएगा...
जैसे कि खून चूसने वाला मच्छर,
जैसे खून चूसने में
उसको बड़ा मजा आता है,
वैसे ही कुछ लोग होते हैं जो
दूसरों का खून चूसके जीते हैं,
जैसे साँप डसके जहर घोलता है,
वैसे ही कुछ लोग,
दूसरों की जिन्दगी में
जहर घोलके सुकून पाते हैं,
जैसे एक कौआ
बिना किसी गुण के भी गर्व करे,
वैसे ही कुछ लोग
बिना बात के
झूठे अभिमान में जिये,
जैसे कि लोमड़ी जो
हमेशा छुपके वार करे,
वैसे ही कुछ लोग है जो सा
मने नहीं पीछे से घायल करे।
कुछ लोग तो
इन जानवरों से भी बदतर है,
उनके बारे भी क्या ज्यादा कहें,
कभी सोच के देखो बड़ा मजा आएगा।
कुछ इंसानो की शक्ल
जब जानवरों में उभरके आएगी।।