शिकायत
शिकायत
न मुझे किसीसे कोई शिकायत है,
और न किसी से कोई उमीद,
जिन्दगी के पड़ाव में देखे मैंने,
लोग कितने कितने अजीब।
कोई प्यार से वार करे,
कोई बिना सोचे समझे,
कोई काँटे भर भर के मारे,
कोई उमीद का दिया जला के,
किसी को तो मजे लगे।
किसी को तो मिल जाती है बातें,
कभी कभी तो झूठे हो जाते जज्बात,
कभी कभी फायदा उठाते हालत,
पर सही है ये सारे हालात भी,
क्योंकि ऐसे हालातों में
लोगों के चेहरे साफ नजर आते,
दिल में दबे कुछ राज
बाहर निकल आते।
बातों के जरिये
कई बात साफ हो जाती,
बस ऐसे ही कई
अनकहे पन्ने भी खुल जाते।
अब भला ऐसे हालातों में
किसको कैसे दोष दें,
ये पल ही है जो कभी कभी
सच्चाई नजर में लाते....।।
