संस्कारों की दौलत
संस्कारों की दौलत
ऊंची पढाई पढकर दोनों जॉब करते रहे
दिन रात दौलत के पीछे वॉक करते रहे
ना खुद के लिए समय था न परिवार के लिये
घरवालों को छोड़ दिया झूठे संसार के लिये
बूढे मां बाप को अपने साथ कभी रखा नहीं
बच्चों ने संस्कारों का स्वाद कभी चखा नहीं
गीता रामायण जैसे ग्रंथ घर से विदा हो गये
"हैरी पॉटर" जैसी "फैंटेसी" पर फिदा हो गये
अंग्रेज बनने के चक्कर में मिशनरी में डाल दिया
हॉस्टल के सड़े वातावरण में मासूमों को ढाल दिया
हॉस्टल में बच्चे संस्कार नहीं कुसंस्कार सीखते हैं
फिर कहते हो कि बच्चे हमारी बात नहीं सुनते हैं
बच्चे अकेले रहेंगे तो अपनी मनमानी करेंगे ही
किसी धूर्त मक्कार के जाल में अवश्य फंसेंगे ही
या फिर वे "लव जिहाद" का शिकार बन जायेंगे
पतन के गहरे दलदल में और धंसते चले जायेंगे
तनाव में रहकर बी पी , डायबिटीज का रोग पालेंगे
किसी वृद्धाश्रम या अनाथाश्रम में उन्हें लोग पालेंगे
अभी भी वक्त है संभल जाओ , परिवार पर ध्यान दो
संस्कारों की दौलत कमाओ , छोटों बड़ों को मान दो।