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aazam nayyar

Fantasy

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aazam nayyar

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सनम

सनम

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कमी दिल में तुम्हारी यहाँ हो 

सनम मेरे चले आओ जहाँ हो 


ख़ुशी के फूल क्या मुझपर बरसेंगे 

यहाँ तो रोज़ ग़म की ही ख़िज़ाँ हो 


रवाँ नफ़रतों की दिलों से ढल जाये 

यहाँ सिर्फ़ उल्फ़त दिलों से रवाँ हो


तुम्हारे बिन नहीं लगता यहाँ दिल  

 जहाँ हो लौट आओ तुम कहाँ हो


न जाना दूर मुझसे ही कभी भी 

हमेशा सनम तुम मेरे दरमियाँ हो


ख़ुदा से दुआ है यही रोज़ दिल की 

गुलों से भरा प्यार का बागबां हो 


उठाता फ़ोन भी आज़म नहीं वो 

उसे कैसे हाले दिल अब बयाँ हो 



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