समय
समय
कश्ती को चाहिए किनारा हर समय, मुश्किलों के
दौर में या बहती धारा के समय।
लहरों पर भरोसा करना ब्यर्थ है, कोई नहीं देता सहारा हर लम्हें।
कौन सुनता है हर किसी की,
मत दिखाओ अपने ही दुःख किसी को हर समय।
माना की बहुत मुश्किलें हैं
मंजिल की राहा में सुदर्शन,
कौन देता है सहारा हर समय।
अपने लक्ष्य को खुद पाने की हिम्मत रख, मिलेगी मंजिल तुझे सही समय।
भाग्यशाली अवश्य बनेगा तू
कर्म करता चल अपना हर समय,
मत रख किस्मत पर विश्वास हे बन्दे, कर्म की गठरी है तेरे साथ हर समय।
रोता रहा मुकद्दर को वोही इंसान, पहचान न सका जो वहुमुल्य है समय।
अन्त में पछताये क्या मिलेगा
सुदर्शन, नींद नहीं खोली जब था समय।
मन्दिर मस्जिद जाने का अब फायदा ही नहीं,
जब तन और मन का जोड़ भड़कता रहे हर लम्हें।
रख हिम्मत और नीयत साफ अपनी, मिलेंगे खुशी के सब पल तुम्हें।।