समय
समय
समय को
अपने साथ चलाना
टेढ़ी खीर,
कुछ अधकच्ची,
कुछ ज्यादा पकी,
समय की मार
दिखाई नहीं देती,
पर समय
अपना काम
बखूबी निभाता है
बिना चूक किये,
सबका हिसाब करता है।
शनै:शनैः
समय अमीर से
फ़क़ीर बनाने में
उस्ताद हैं।
फ़क़ीर से फलक पर
बैठाने में भी
कोई कोताही
नहीं बरती जाती।
अपने-अपने कर्मों का
लेखा-जोखा
समय सूद के साथ
लौटा देता है।
