स्मृति का इतिहास पटल
स्मृति का इतिहास पटल
मेरी स्मृति के कागज पर
लिखा हुआ है तुम्हारा प्यार
तुम्हारी झीनी -झीनी साड़ी का आँचल
नीले सागर जैसी दो आँखें
देहभर की यौवन
मुलाकातों पर तुम्हारी मुस्कान।
मुझे धन -दौलत की चाहत नहीं है
यदि मिलता तुम्हारा प्यार
कालेे बादलों जैसे केश
नागिन जैसी तुम्हारी चाल
कमल फूल जैसा चेहरा
देखकर मन मोहित होता है।
कपाल में सोने जैसी तिलक
गले सुगंध फूलों की माला
मेरे लिए बेकार है
यदि न मिले जगह तुम्हारी ह्रदय में।
मुझे अच्छा नहीं लगता
फाल्गुन में कोयल की कुक
तुम्हारी पैरों में पायल की रुनझुन
मेरे कानों में पड़ती है
लगती है बहुत ही मधुर।

