समाप्ति विश्रांति है!
समाप्ति विश्रांति है!
कठोर है यह जीवन,
मगर मृत्यु खूबसूरत है
गंगा की अविरल बहती धारा की तरह,
कोई छल नहीं करती।
सबको लेकर जाती है मृत्यु,
एक समाप्ति की ओर,
इस जीवन के पाप और पुण्य के हिसाब के मझधार से
लेकर जाती है मृत्यु,
एक असीम शांति की ओर।
जिन्हें मृत्यु का भय है,
वो जीवन को समझ कहाँ पाएं हैं?
जीवन का सर्वश्रेष्ठ अध्याय है यह समाप्ति।
जीवन का व्यापर नहीं हो सकता,
उसे तो केवल परिदृश्यों के माध्यम से समझा जा सकता है।
इस क्षण से समाप्ति तक,
आप ही द्रष्टा हैं और आप ही दृश्य,
आप ही माध्यम हैं और आप ही चयन भी
तो मृत्यु है भी और क्या ?
एक क्षण जो बह गया जीवन के साथ,
वही विश्रांति है !