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Anu Chatterjee

Others

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Anu Chatterjee

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प्रेम का अनुभाग

प्रेम का अनुभाग

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मेरा मार्ग और सत्य दोनों प्रेम ही है,

हाँ, सही जाना आपने,

लेकिन ये वो प्रेम नहीं

जो आप समझ रहे हैं...

किसी की बाँहों की तलाश नहीं

बस कुछ छंदों की तलाश है,

जो मुक्त होंगे और थोड़े ज़िद्दी भी...

हाँ, खुद में रमने के लिए,

एक खास जगह की तलाश है...

बस कुछ वक्त और चाहिए,

खामोशियों को संजोने के लिए...

और उन्हीं की विभीषिका बनने के लिए।

मैं मौन को चुनती हुँ,

अपनी ओर झाँकने के लिए।

लेकिन उस मौन का सत्य अचंभित कर देगा,

कोई सैलाब सा फूट पड़ेगा,

जब भी ये खुलेगा।

लेकिन मैंने तो प्रेम को चुना है,

इसलिए जब भी ये मौन टूटेगा

तो बरसात लेकर आएगा

और उसके साथ एक मुक्तक भी।


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