स्कूली जीवन
स्कूली जीवन
वो बचपन की यादें कैसे भूले हम,
जब आधी छुट्टी होने में
झुंड के झुंड में खड़े होते हम,
कभी गोला बना कर टिफिन मिल बांट खाए हम,
कभी आधी छुट्टी में उबली बेर का दोना
लेकर खाएं हम,
स्कूल की आधी छुट्टी होने में
नल की लाइन पर खड़े हो जाएं हम,
कभी स्कूल बोटल ले जाना भूले हम,
कभी खूब सखियों संग बतियाये हम
एक दूसरे की टांग खिंचाई करें हम
उंगली में फिंगर्स लगाकर रेस करे हम
कभी खेल के चक्कर में आधा अधुरा
टिफिन खाएं हम,
गुडडपा ,पिट्ठू , रस्सी कूद खूब खेले हम,
ऐसे कैसे स्कूल की सखियों को भूले हम,
जब टीचर्स डे आवे तो खूब उनकी नकल करें हम
क्लास कैप्टन बन होशियारी दिखाए हम,
ऐसे भी स्कूल के दिन थे, उन्हें कैसे भूले हम।
