हौसलों की उड़ान
हौसलों की उड़ान
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हार न मान तूफानों से
जब जब हारेगी तब तब टूटेगी
मुश्किल होगी तेरी हर राह में
जब जब कदम बढ़ाएगी
तब तब दुनिया तानों की
बौछारों से पीछा करवाएगी
आगे बढ़ हौसला बुलंद कर
मंजिल की राह पकड़,
जीवन की चुनौती पार कर
जब सर पर हाथ न हो,
अपनों का साथ न हो
फिर भी सफर की ओर बढ़ चल
क़दम जब जब रुके मन में विश्वास धर
चाल तो तीव्र कर और जोश से आगे बढ़
आगे बढ़ मंजिल पा जाएगी
तब रंग बदलते लोगों को
अपने साथ खड़ा ही पाएगी।
