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Amita Kuchya

Inspirational

4  

Amita Kuchya

Inspirational

भावना की भक्ति••••

भावना की भक्ति••••

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हे ईश्वर हमें इतना सुकून दो

मन न विचलित हो पाए

केवल भावना की भक्ति में रम जाए

फिर काहे का दुख ,काहे की माया

अपने पराए ,तेरे मेरे का

काहे का बोलबाला हो पाए,

हे ईश्वर हमें इतना सुकून दो

 मन न विचलित हो पाए 

थोड़े से सुख की खातिर

काहे दूजे को सताया जाए 

मोह माया के जंजाल को हटाया जाए,

हे ईश्वर हमें इतना सुकून दो 

मन न विचलित हो पाए

केवल भावना की भक्ति में रम जाए 

मानव मन इतना निश्छल कर दो

मोह माया से मुक्त हो जाए

हे ईश्वर हमें इतना सुकून दो

 मन न विचलित हो पाए

केवल भावना की भक्ति में रम जाए 

 हम केवल दो रोटी निवाले खाए, 

तेरी भक्ति में ही खो जाए

दुनियादारी की फ़िक्र छोड़

भावना की भक्ति में रम जाए।

न चिंता हो ,न मन में मैल हो

बस हो तो मन का चैन हो

हे ईश्वर हमें इतना सुकून दो

मन न विचलित हो पाए

केवल भावना की भक्ति में बह जाए।




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