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Amita Kuchya

Inspirational

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Amita Kuchya

Inspirational

बच्चों संग बच्चे बन जाए

बच्चों संग बच्चे बन जाए

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आ खेलें खेल हम,बच्चों संग बच्चे बन जाए

उन्हें मोबाइल ,कंम्पयूटर, लैपटॉप से दूर कराए

एक दिन सोसायटी में सबने देखा सूनापन

सब बच्चों का खेल के प्रति ध्यान बढ़ाए

ये बच्चे घर से नहीं निकल रहे हैं,

केवल सब मोबाइल,कंप्यूटर, लैपटॉप घुसे पड़े हैं।

क्यों आखिर मैदान में खामोशी छाई है,

बच्चों को जागरुक करने सोसायटी में मीटिंग बुलाई

आ खेल खेलें हम ,बच्चों संग बच्चे बन जाए

हमें खेलते देख उनमें हम उत्साह जगाए

फिर शाम बिना बताए हमनें बच्चो को पिट्ठू, 

पकड़म पकड़ाई ,टीप रेस,

रस्सी कूद,गोला फेंक 

जैसे खेलने की योजना बनाई 

सब बड़े लोग मैदान में एकत्र हुए

उनके खेल जैसे शुरू हुए

उनका हल्ला सुन बच्चों में उत्सुकता छाई

सब बच्चों ने मोबाइल ,लैपटॉप छोड़

 मैदान में अपनी भागीदारी कराई

ऐसे में सोसायटी वासी संतुष्ट हुए चलो 

बाहरी खेलकूद के प्रति बच्चों में उत्सुकता आई,

ऐसे ही हमने मैदान में खेलकर अपना बचपन जिआ

आ खेल खेलें हम ऐसे छुट्टियों में

खेल खेलकर बड़े छोटों ने मिलकर खुब खुशी है पाई।


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