एक इल्तिज़ा है...
एक इल्तिज़ा है...
समय से चुकाया करें ईमानदारी से
विद्यालय का ज़रूरी 'फीस'...
न करें इच्छाकृत कोताही,
क्योंकि तक़लीफ़ होती
है यहाँ सेवा करनेवाले
हरेक मेहनतकश इंसान को,
क्योंकि ये सरकारी नहीं,
ये है विद्यालय बेसरकारी!
ज़रा समझें दूसरों का भी
दुःख-दर्द,
केवल खामियाँ ही
न निकालते फिरें बेसिरपैर....
क्योंकि हम सब
राष्ट्र सेवा के महान कार्य में लगे हैं...
और ये विद्यालय भी
आगे बढ़ाना है...
है कि नहीं...???
सच्चाई से मुँह छुपाए न फिरें,
वक्त की नज़ाकत को समझें
और हर महीने (अगर हक़ीक़त में कोई मजबूरी न हों, तो)
अपने संतानों का बकाया 'फीस'
ईमानदारी से जमा कर
विद्यालय परिवार को कृतार्थ करें...!!
बुरा न मानें...!!
बस अपने दिल की
आवाज़ सुनें...!
आप एक जिम्मेदार अभिभावक
होने का सही प्रमाण दें...!
आपसे इल्तिज़ा है
अगर 'अब तक: आपने
अपने संतानों का (बकाया) फीस
न चुकाया हो,
तो कृपया आगे आएँ
और इस विद्यालय को
विकसित करने में
हम सबकी मदद करें...
निस्संदेह सबका साथ ही
सबका विकास है...!
आइये, हम सब हाथ मिलाएँ
और ईमान से अपने
दायित्व का पालन करें...!!!
यहीं से राष्ट्र निर्माण का आगाज़ करें...
