सज गई धरती
सज गई धरती
बसंत आगमन पर धरती ने नव श्रंगार किया,
शाखाएं रोमिल फूली सी नव पुष्पों ने जन्म लिया।
बसंती बयार चली वृक्षों ने झूम आनंद लिया,
सरसों के पीले फूलों से धरा ने खुद को पाट लिया।
लताओं ने बढ़ना शुरू किया फुलवारी ने चमन को गोद लिया,
नया आशियाना बनाने को पक्षियों ने खुद को तैयार किया।
हरियाली की इस अंगड़ाई ने मानव को प्रफुल्लित किया,
छोड़ दामन निराशा का प्रकृति के साथ खुद को आत्मसात किया।