यह पिता भूले भटको का यह रक्षक आओ इसे प्रणाम करें प्रकृति का सम्मान करें। यह पिता भूले भटको का यह रक्षक आओ इसे प्रणाम करें प्रकृति का सम्मान करें।
माया के लिए अंजान हो बुलाएं मौत का साया। माया के लिए अंजान हो बुलाएं मौत का साया।
सरसों के पीले फूलों से धरा ने खुद को पाट लिया। सरसों के पीले फूलों से धरा ने खुद को पाट लिया।
बढ़ते रहना लक्ष्य पर अब नजर नहीं आता बढ़ते रहना लक्ष्य पर अब नजर नहीं आता
कुछ अर्से बाद मानव होगा कठपुतली पशुओं का। कुछ अर्से बाद मानव होगा कठपुतली पशुओं का।
एक प्याला पानी क्यों नहीं रखते हो भईया, ज्यादा कुछ मांग न करती चिड़िया। एक प्याला पानी क्यों नहीं रखते हो भईया, ज्यादा कुछ मांग न करती चिड़िया।