Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

अंजनी कुमार शर्मा 'अंकित'

Abstract

4.5  

अंजनी कुमार शर्मा 'अंकित'

Abstract

सिया रघुवर आए अवध नगरी

सिया रघुवर आए अवध नगरी

1 min
106


सिया-रघुवर आये अवध नगरी.....

आज चमकै बिजुरिया औ बरसै बदरी।

सिया............।


ह्वै प्रसन्न जन नाचै-गावैं।

रघुवर जी के दर्शन पावैं।

आज जगमग ज्योति जलै सगरी.....

सिया...........।


कौशल्या, सुमित्रादि महतारी।

बरसत नयन निहारि-निहारी।

सब अवध निवासी बुहारै डगरी.....

सिया..............।

लक्ष्मण भैया संग हैं आये।

भाल तिलक पीत वसन सुहाए।

नारि अपलक देखै खड़ी ह्वै बगरी.....

सिया..........।


सोने की थाल में सजी आरती।

चदन, कुंकुम, नेवैध, मालती।

पावन गंगा जल से भरी है गगरी.....

सिया.............।


हनुमत लाल जयघोष लगावै।

भाई भरत अक्षत बरसावै।

देखै प्रभु को मन मा हुलास भरी.....

सिया............।


कंचन मुकुट राम के साजै।

वाम अंग मात सिया विराजै।

अब राम पताका अवध मा लहरी....

सिया रघुवर आये अवध नगरी।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract