सिया राम घर लौट के आए, अवध वासी होली मनाए। सिया राम घर लौट के आए, अवध वासी होली मनाए।
सखियां है भाव विभोर, जनकपुर देखन खों। आए ---- सखियां है भाव विभोर, जनकपुर देखन खों। आए ----
जीवन करें बलिहारी, अवध की शोभा है अति न्यारी।। जीवन करें बलिहारी, अवध की शोभा है अति न्यारी।।
सिया-रघुवर आये अवध नगरी..... आज चमकै बिजुरिया औ बरसै बदरी। सिया............। सिया-रघुवर आये अवध नगरी..... आज चमकै बिजुरिया औ बरसै बदरी। सिया..............
आओ आओ अवधपुर राम जी हम कब से निहारें तोरी राह जी। आओ आओ अवधपुर राम जी हम कब से निहारें तोरी राह जी।