अवध धाम
अवध धाम
अवध की शोभा है अति न्यारी,
अवध की शोभा हैं अति न्यारी।
सरजू मैया, कल-कल बहत है,
संत मण्डली तट पै रहत है।
शोभा लगे, प्यारी-प्यारी,
अवध की शोभा है अति न्यारी।
अवध में जन्में राम रघुरैया,
लक्ष्मण,भरत, शत्रुघ्न भैया।
जोड़ी लगें अति प्यारी,
अवध की शोभा है अति न्यारी।
राजा दशरथ जी फूले न समायें,
रत्न आभूषण,मणिया लुटायें।
जीवन करें बलिहारी,
अवध की शोभा है अति न्यारी।।
