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J P Raghuwanshi

Inspirational

4  

J P Raghuwanshi

Inspirational

"जनकपुर दर्शन"

"जनकपुर दर्शन"

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आए आए हैं , अवध किशोर,

जनकपुर देखन खों।


राम-लखन की सुन्दर जोरी,

शारद उपमा सकल ढढोरी।

हैं सब के चितचोर,

जनकपुर देखन खों।

आए ------


जुवती भवन झरोखन लागी,

देखहि राम रूप अनुरागी।

नगर में मच गयों शोर,

जनकपुर देखन खों।

आए ------


गलियन-गलियन फूल बिछे हैं,

मंदिर से सब द्वार सजे हैं।

सखियां है भाव विभोर,

जनकपुर देखन खों।

आए ------


पुर नर नारी सुभग सुचि संता,

धर्मशील ज्ञानी गुनवंता।

पायें आज चितचोर,

जनकपुर देखन खों।

आए ------


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