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अंजनी कुमार शर्मा 'अंकित'

Abstract Fantasy Children

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अंजनी कुमार शर्मा 'अंकित'

Abstract Fantasy Children

ठंडी का मौसम

ठंडी का मौसम

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आया है ठंडी का मौसम

सूरज का बल हुआ है कम

ओढे़ कोहरे की चादर

गाँव-गाँव और नगर-नगर


स्वेटर पहने जन पडे़ दिखाई

ओढे़ कंबल और रजाई

काँप रहा है कलुआ कुत्ता

खलिहान में पडा़ है दुबका


ठंडी के आगे सब हारे

छिप गये हैं चाँद और तारे

बर्फीली हवाएँ जब चलती

तन-मन में तब सिहरन उठती


और फिर कूछ नहीं सूझता

अलाव का सहारा दिखता

ठंडी जब-जब आती है

सच में, बहुत सताती है।


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