रे मन! यह संसार बेगाना
रे मन! यह संसार बेगाना


रे मन! यह संसार बेगाना।
बेमतलब का आना-जाना।
रे मन!...........
ये जीवन है सूरज जैसा,
संध्या होते है ढल जाना।
बादल हैं ये दुःख के घेरे,
हवा चले इनको छट जाना।
माया-मोह है यह जग सारा,
क्षण भर का यह ताना-बाना।
धन-दौलत कुछ साथ न जाता
अंत समय जब हुआ रवाना।
रे मन! यह संसार बेगाना।