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अंजनी कुमार शर्मा 'अंकित'

Abstract Romance

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अंजनी कुमार शर्मा 'अंकित'

Abstract Romance

सिर्फ तुम

सिर्फ तुम

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तुमसे मेरी जिंदगी है

तुम हो तो हर खुशी है

तुम रहो जो साथ मेरे

छाए हो बादल घनेरे


फिर भी चाँद छू लूँगा मैं

आसमां को चूम लूँगा मैं

तुम मेरा हौसला हो

एक अहम फैसला हो


सुबह तुम हो, शाम तुम हो

दुपहरी की छाँव तुम हो

कॉपी, कलम, किताब तुम हो

सुनहरा सा ख्वाब तुम हो


तेरा ही तो साया हूँ मैं

तुझमें ही समाया हूँ मैं।


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