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kiran singh

Inspirational

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kiran singh

Inspirational

सीख लिया

सीख लिया

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पलकों में ही अश्रु संजोकर, पीना सीख लिया,

रोते – रोते हँस कर, मैंने जीना सीख लिया,


अपनो की खुशियों में अक्सर, भूल गई अपनी खुशियाँ,

लेकिन धीरे-धीरे फिर, खुश होना सीख लिया।


फूल मिले राहों में लेकिन , शूल भी रहे साथ में,

उन पर चल-चल - चलने का, करीना सीख लिया।


जो कुछ भी दी मुझे जिंदगी, उन्हें समझ सौगात मैं ,

उर के पन्नों पर लिख स्वयं, संजोना सीख लिया।


अपने तक हर बात रहें, यह चाह रही हर अपनों की,

इसलिये अधरों को मैंने, सीना सीख लिया।


जब भी उमड़ी प्रीत हृदय में, बही भावना की दरिया,

जब डूबी शब्दों से जादू - टोना सीख लिया


अक्षर - अक्षर जोड़ किरण, ने कलम चलाई फिर अपनी। 

करके गीत छंद बद्ध- गज़ल, पिरोना सीख लिया।



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