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Ratna Kaul Bhardwaj

Abstract

4.7  

Ratna Kaul Bhardwaj

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शून्य

शून्य

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शून्य गर्भ

महीनों के अंधकारों में

शून्य मातृत्व

रक्त के प्रवाहों में


शून्य एहसास

मधुर स्वरलहरियों में

शून्य सकारात्मकता

सत्यता आत्माओं में


शून्य सिद्धान्त

संबंध आँकलनों में

शून्य संकल्पना

मन की परिधियों में


शून्य सृष्टि

विविध आकारों में

शून्य सागर

शांत स्थल लहरों में


शून्य ब्रह्माण्ड

असंख्य सितारों में

शून्य भवंडर

अर्थहीन अस्तित्वों में


शून्य पंचतत्व

सुरलोक के उमंगों में

शून्य विलीनता

आत्मा शरीरों के मिलापों में.....


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