मालूम नहीं आज ऐसा ..क्या हुआ था? जो अक्सर तंज कसा करते थे उनका भी... रो रो कर बुरा हाल हुआ था? मालूम नहीं आज ऐसा ..क्या हुआ था? जो अक्सर तंज कसा करते थे उनका भी... रो रो कर ...
साँसों की यूँ डोर कट गई मुट्ठी से ज्यूँ रेत फिसल गई जगा सका न फिर मुझे कोई चिरनिद्रा में ऐसी सोई।... साँसों की यूँ डोर कट गई मुट्ठी से ज्यूँ रेत फिसल गई जगा सका न फिर मुझे कोई चि...
आ जाओ मानव होश में, आओ अब लौट चले प्रकृति के आगोश में। आ जाओ मानव होश में, आओ अब लौट चले प्रकृति के आगोश में।
पंचतत्वों से बना हमारा शरीर,जिस पर करते हम अभिमान। पंचतत्वों से बना हमारा शरीर,जिस पर करते हम अभिमान।
पंचतत्व को समझो और सम्मान करो, इसी से बनी है हमारी देह। पंचतत्व को समझो और सम्मान करो, इसी से बनी है हमारी देह।
शून्य पंचतत्व सुरलोक के उमंगों में शून्य विलीनता आत्मा शरीरों के मिलापों में..... शून्य पंचतत्व सुरलोक के उमंगों में शून्य विलीनता आत्मा शरीरों के मिलापों में....