पंचतत्व की महिमा
पंचतत्व की महिमा
पंचतत्वों से बना हमारा शरीर,जिस पर करते हम अभिमान,
पंचतत्वों से हुई इस सृष्टि की रचना,इन्ही पंचतत्वों से बना इंसान,
इंसान ने जब जब की असफल कोशिश पाने को विजय सृष्टि पर,
तब तब सृष्टि ने दिखाई इंसान को उसकी औकात और टूटा उसका अभिमान,
पंचतत्वों का समुचित प्रयोग बनाए रखता प्रकृति का संतुलन,
इनमे से किसी का भी असंतुलित दोहन रखता विनाश की नीव व देता खतरे के निशान,
पंचतत्वों का हमेशा करो सही प्रयोग व बचाओ अपना अस्तित्व,
पंचतत्वों के बिना पृथ्वी पर नहीं रह सकता इंसान,
पंचतत्वों से बना हमारा शरीर,जिस पर करते हम अभिमान।