शतरंज
शतरंज
अगर तुम किसी के राजकुमार हो
तो वो भी किसी की राजकुमारी है
पर यूँ ही उसके साथ इश्क का दाँव खेलकर
उसकी जिंदगी को शतरंज न बना दिया करो
अगर तुम किसी के घर का चिराग हो
तो वो भी किसी के घर का दिया है
पर यूँ ही उसकी आबरू के साथ खेलकर
उसकी जिंदगी को अंधेरे में मत धकेलो
अगर तुम अपने घर के लाड़ले हो
तो वो भी अपने घर की जान है
पर यूँ ही हवस को प्यार का नाम देकर
उसके जिस्म में कीड़े की तरह मत रेंगो
अगर तुम नोंच लेना चाहते हो
बहन की तरफ उठने वाली आँखों को
तो सबसे पहले उन आँखों को नहीं
अपने आँखों को नोंच कर गोटिया खेलो
अगर चाहते हो सम्मान हो बहन का
आने-जाने वाले सब इज्जत से देखे
तो सबसे पहले तुम सुधारो खुद को
लड़कियों का सम्मान करना सीखो
शायद तुम्हें तो मिल जाएंगे
और भी खिलौने खेलने के लिए
मगर साथ में देखने वाला उसको
खुद का साया भी न होगा।
