STORYMIRROR

Piyosh Ggoel

Abstract

4  

Piyosh Ggoel

Abstract

श्री राम अंगना पधारे

श्री राम अंगना पधारे

2 mins
354

आज सारी अयोध्या में जगमग जगमग दीप जगे है

भगवान से मिलने के लिए भक्त आतुर खड़े है

पलकें बिछाए हर कोई श्री राम की राह निहार रहा है

आज हर किसी का मन केवल श्री राम को पुकार रहा है


वर्षों बाद आज अयोध्या में महका उपवन है

रघुवर के स्वागत में सजा हुआ पूरा गुलशन है

मुरझाए हुए पुष्प आज खिले दुबारा है

लगता है प्रकृति ने भी आज अपने प्रभु को पुकारा है


सुखी हुई नदियों में आज फिर पानी आया है

रूठा हुआ पपीहा , 14 वर्ष बाद चहचहाया है

हिरण - हिरणी क्रीड़ा कर रहे , आज मस्त जवानी में

लौटे है दशरथनन्दन 14 वर्षों बाद अपनी राजधानी मे


घर - घर के आंगन में आज रंगोली बनी है

दीपक की लड़ियों से अयोध्या आज सजी है

कई वर्षों के बाद अयोध्या में खुशियां वापस आ रही है

पूरी नगरी झूम रही है और खुशी के आंसू बहा रही है


तारे चमक रहे है , आ रहे है दशर्थसूत संग सुमित्रा के लाला

चांद भी बाट निहार रहा , आ रही है आज मिथिलाराज की बाला

भक्तशिरोमणि के आने से भक्ति फैलेगी चारो दिशाओ में

खुशियाँ ही खुशियाँ है आज अयोध्या की फिजाओं में


पुष्पक विमान से आ रहे , फूलो की वर्षा हो रही

अयोध्या वासी करे स्वागत , श्री राम की जय जयकार हो रही

माँ , कौशिल्या , माँ सुमित्रा और माँ कैकयी बड़े प्रेम से आरती उतारे

हो रहा स्वागत दशो दिशाओं में , श्री राम अपने अंगना पधारे


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract