Op Merotha Hadoti kavi

Abstract Children Stories Romance

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Op Merotha Hadoti kavi

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श्री कृष्ण जन्माष्टमी भजन

श्री कृष्ण जन्माष्टमी भजन

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अब सुनले मेरी पुकार ओ बंसी वाले साँवरे

सब कुछ मैं गया हूँ हार ओ मेरे साँवरे

अब सुनले मेरी पुकार .............


हारे का सहारा है तू सुना है ज़माने से

मुझे भी बचा ले काना अब डूब जाने से

मेरी नाव की बन पतवार ओ बंसी वाले तू

अब सुनले मेरी पुकार .............


सीढ़ियां तेरे मंदिर की आंसुओं से धोऊँ मैं

जग को हंसाने वाले तेरे आगे रोऊँ मैं

मेरी हार है तेरी हार मेरे साँवरे 

अब सुनले मेरी पुकार .............


काना सारी दुनिया की लिखे तकदीरें तू

देख ले मेरे हाथों की फिर से लकीरें तू

फिर कलम उठा इक बार ओ मेरे साँवरे

अब सुनले मेरी पुकार .............


तूने तो फकीरों को भी बादशाह बनाया है

हुई भूल मुझसे क्या जो ये दिन दिखाया है

तेरा भक्त है क्यों है लाचार ओ मेरे साँवरे 

अब सुनले मेरी पुकार ........


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