STORYMIRROR

Supriya Devkar

Romance

2  

Supriya Devkar

Romance

शोर

शोर

1 min
2.7K

शोर मचाता रहता है दिल जब

सामने तुम्हारा हसीन चेहरा होता है

देखता रेहता हू बस तुम्हेंं 

बात करना भूल जाता हू मैं

तुम्हारी जुल्फे करती हैं इशारे 

बनाती है बहाना पास आने का 

जानता है दिल तुम ढूंढती हो

मौका नजदीकियां बढ़ाने का

तुम्हें देखकर हसना सिखा है हमने 

तुम्हें देखकर जिना सिखा है हमने

तुम्हें ना देखें तो खो जाते हैं हम 

तुम साथ ना होने का सताता है गम!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance