सहिष्णुता
सहिष्णुता
यह मौसम की रफ़्तार खोने लगी है
अब नफरत की बरसात होने लगी है
यूँ तो सबसे हसीन है मोहब्बत की दुनिया
यह मोहब्बत की दुनिया भी खोने लगी है
मर सी गई है हमारी ये दुनिया
जो जुर्म -ओ-सितम
को भी ढोने लगी है !
यह मौसम की रफ़्तार खोने लगी है
अब नफरत की बरसात होने लगी है
यूँ तो सबसे हसीन है मोहब्बत की दुनिया
यह मोहब्बत की दुनिया भी खोने लगी है
मर सी गई है हमारी ये दुनिया
जो जुर्म -ओ-सितम
को भी ढोने लगी है !