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डर

डर

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अगर मगर के चक्कर में

वे घूमे इधर - उधर

प्यार के भंवर में

बुरे फँसे क्योंकि

माना नहीं जिगर

भोन्धुजी के दिल ने

जिसे अपना कहा,

वह तो किसी और का हमसफर बनकर

हो गया रफूचक्कर

अब तो प्यार शब्द से

भोन्धुजी को लगने लगा है डर...

कुछ पाने की चाहत के दरिया में

गिरकर घायल हुए इस कदर !


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