Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Sunita Shukla

Abstract

4  

Sunita Shukla

Abstract

शक्ति अलौकिक

शक्ति अलौकिक

2 mins
324


बात थोड़ी सी पुरानी है,

पर लगती बड़ी जानी पहचानी है।

मैं और मेरा परिवार

जा रहे थे हम सब कहीं एक बार।।

रास्ता जरा लम्बा था और

मंजिल हमारी अभी दूर थी।

शाम का धुंधलापन छा रहा था

गाड़ी में बज रहा मधुर संगीत था।।

बच्चे दोनो आपस में कर रहे थे शरारत

हों कहीं भी वो छोड़ते नहीं अपनी आदत।

हम निकल चुके थे शहर से बड़ी दूर

चारों तरफ छाया था कोहरा भरपूर ।।

बाहर था छा रहा अंधेरा

सो मैंने कार की बत्ती फिर जलाई।

कम हुआ अंधेरे का असर

और फिर थोड़ी राह नजर आई।।

घने पेड़ों से होते धीरे-धीरे

बढ़ गए हम जंगलों से भी आगे।

आगे लग रहा कोई गाँव था

दिखती पगडंडियाँ और आम का पेड़ था।।

तभी अचानक मैं घबराया

हाथ से छूटी गाड़ी, ब्रेक फेल, खो गया नियंत्रण।

जितना भी मैं करता कोशिश

उतना ही वो सरपट भागे।।

बीच सड़क पर खड़ा वहाँ था

गाय का छोटा बछड़ा।

मुनिया उसको खींच रही थीं

पर वह टस से मस न हुआ।।

दोनों खतरे से थे अनजान

आफत में थी उनकी जान।

हाथ जोड़कर ध्यान किया

फिर मैंने ईश को याद किया।।

सहसा बीच सड़क पर रुक गई गाड़ी

देखा एक औरत पहनी थी साड़ी

पकड़ कर हाथ ले गई मुनिया और बछड़े को

आँखों पर नहीं हो रहा था विश्वास।।

बात सुनी जो अब तक किस्सों में

आज आया प्रत्यक्ष समक्ष।

थी कोई वो शक्ति अलौकिक

बनकर आई थी जो रक्षक।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract