शिव-शक्ति
शिव-शक्ति
शिव हैं सब कर्मों के कारण, लेकिन शक्ति कारक है।
शिव हैं पुरुष तो शक्ति नारी, सृष्टि के विस्तारक हैं।।
शिव हैं परम पितामह ब्रह्मा, शक्ति वीणा वाली हैं।
महाभयंकर भैरव शिव हैं, शक्ति भैरवी काली है।।
शिव काया तो शक्ति माया, शिव समाधि शक्ति है काम।
शिव तो शांत सलिल सम लेकिन, शक्ति लहरों सी उद्दाम।।
शिव सुसुप्त तो शक्ति जाग्रत, शिव उर तो शक्ति मस्तिष्क।
एक दूसरे बिना अधूरे, जैसे बिना आंख के अश्क।।
एक दूसरे के पूरक हैं, शक्ति बिन न शिव का अर्थ।
शक्ति तो है सिद्धि मात्र पर, शिव तो हैं संकल्प समर्थ।।
शिव वा शक्ति विभक्त नहीं हैं, शिव हैं जहँ है वहँ शक्ति।
इसीलिए आओ हम मांगे, पावन शिव शक्ति की भक्ति।।
