भरोसा नहीं है कल का
भरोसा नहीं है कल का
तेरी खूबसूरत आंखों में दुनिया है मेरी, सुकून है मेरे दिल का।
एक पल चलो बिताएं वक्त साथ हम, भरोसा नहीं है कल का।
तेरी मुस्कुराहट में खुशियां हैं मेरी, मिले लम्हे मुझे चैन का।
तेरी गोदी में रख के सर एक हसीन शाम तो जी लूं, भरोसा नहीं है कल का।
एक बार तुझे थाम लूं अपनी बांहों के घेरे में, पी लूं तेरे आंसुओं को मैं तो।
अपने हाथों से सहलाऊँ तेरे बालों को, दूर कर दूं तेरे मन के भय को।
एक बार चूम लूं तेरे सर को मैं, एहसास दूं तुझे मेरे होने का।
हंस दे तू एक बार तब मेरे लिए ही सही, भरोसा नहीं है कल का।
खोल दूं एक बार अपने दिल को मैं, तेरे कदमों में रख दूं अपनी खुदी को मैं।
बेइंतहा प्यार है तुझसे, एक बार तो चीख कर कह दूं मैं।
तू ज़िंदगी है मेरी, तू है सब जो भी है मेरा इस जहां में।
तेरे नज़दीक हूं हरदम बन के एतबार और एहसास, जा रहा हूं यारा कहां मैं?
रहूं या ना रहूं, रहेंगी मेरी फरियादें और बेशुमार प्यार तेरे लिए।
जिस्म जो वक्त का खिलौना है, मेरी रूह है यारा तेरे लिए।
अब तो ग़म नहीं मरने का मुझ को, बस तुझ से एक लम्हा रूबरू होना है।
एक वक्त तेरे खुशबुओं में खो के, तेरी गोदी में सर रख के सोना है।
फ़िर मिलेंगे अगले जनम, एक नई सी दुनिया में।
न होगा तब कोई और दूजा बीच में, हमारी उस दुनिया में।
जो रह गया शायद अधूरा इस बार, अब की बार पूरा होना है।
मोहब्बत बेशुमार है मुझे तुमसे, मिल के तब उस जहां में पूरा होना है।