"शिक्षा की व्यवस्था"
"शिक्षा की व्यवस्था"
मेरे धर्य को चुनौती देना बंद करो,
मेरे परीक्षा के परिणामों से मुझे तोलना बंद करो,
मैं ,मैं हूँ, मुझे रोबोट न बनाओ,
भगवान की बनाई इस दुनिया में,
दीखते तो सब एक जैसे है,
पर होते अलग-अलग है,
इस छोटी सी बात,तुम समझना शुरू करो,
तुम्हारी इन चार किताबों को रटने से बेहतर है,
ढाई आखर, जो मेरी समझ बढाए,
मुझे जीवन कौशल का पाठ पढ़ाए,
शिक्षा को व्यापार मत बनाओ,
स्कूलों को बैंक मत बनाओ,
भाषा को नौकरी की टकसाल मत बनाओ,
ऐसी शिक्षा का क्या लाभ, जो चेहरे को हसीं न दे सके,
मन को ख़ुशी न दे सके,
उस शिक्षा से बेहतर है ,
की हमें एक अच्छा इंसान बना दो.
